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Sunday, 15 May 2016

एक छोटी सी प्रेम कविता

- मणि मोहन 

कुछ कहा मैंने
कुछ उसने सुना
फिर धीरे-धीरे
डूबती चली गई ...भाषा
साँसों के समंदर में-
हम देर तक
मनाते रहे जश्न
भाषा के डूबने का ।

मणि मोहन


जन्म  : 02 मई 1967, सिरोंज (विदिशा), म.प्र.
शिक्षा : अंग्रेजी साहित्य में स्नातकोत्तर और शोध उपाधि
प्रकाशन : देश की महत्वपूर्ण साहित्यिक पत्र- पत्रिकाओं (पहल, वसुधा, अक्षर पर्वसमावर्तन, नया पथ, वागर्थ, जनपथ, बया आदि) में कविताएँ तथा अनुवाद प्रकाशित ।
वर्ष 2003 में म. प्र. साहित्य अकादमी के सहयोग से कविता संग्रह 'कस्बे का कवि एवं अन्य कविताएँ' प्रकाशित। वर्ष 2012 में रोमेनियन कवि मारिन सोरेसक्यू की कविताओं की अनुवाद पुस्तक  'एक सीढ़ी आकाश के लिए' प्रकाशित। वर्ष 2013 में  कविता संग्रह  "शायद" प्रकाशित। इसी संग्रह पर म.प्र. हिंदी साहित्य सम्मेलन द्वारा वागीश्वरी पुरस्कार। कुछ कविताएँ उर्दू, मराठी और पंजाबी में अनूदित।
इसके अतिरिक्त  "भूमंडलीकरण और हिंदी उपन्यास" , "आधुनिकता बनाम उत्तर आधुनिकता" तथा "सुर्ख़ सवेरा" आलोचना पुस्तकों का संपादन।
सम्प्रति : शा. स्नातकोत्तर महाविद्यालय, गंज बासौदा (म.प्र) में अध्यापन।

संपर्क : विजयनगर, सेक्टर- बी, गंज बासौदा म.प्र.- 464221
मो. 9425150346
ई-मेल : profmanimohanmehta@gmail.com